Varn Viched in Hindi : इस आर्टिकल में हम वर्ण-विच्छेद क्या है (Varn Viched Kya Hai) के बारे में जानेंगे, इसके अन्तर्गत हम वर्ण-विच्छेद का अर्थ (Varn Viched ka Arth) , वर्ण-विच्छेद के नियम (Varn Viched ke Niyam) एवं वर्ण-विच्छेद के उदाहरण (Varn Viched ke Udaharan) पढ़ेंगे तो आईये जानते हैं Varn Viched in Hindi किसे कहते हैं।
वर्ण-विच्छेद क्या है | Varn Viched in Hindi
वर्ण का अर्थ होता है– भाषा की कोई छोटी इकाई, जिसे और टुकड़ों में विभक्त न किया जा सके और विच्छेद का अर्थ होता है– अलग करना।
वर्ण-विच्छेद ध्वनि और उच्चारण पर निर्भर करता है। ध्वनि के आधार पर ही विच्छेद किया जाता है। अगर हमारा उच्चारण सही नहीं होगा तो विच्छेद भी गलत ही होगा।
शब्द के वर्ण-विच्छेद के वर्णों को मिलाकर उनसे शब्द बनाने की प्रक्रिया को वर्ण-संयोजन कहते है
वर्ण-विच्छेद के उदाहरण | Varn Viched ke Udaharan
आशीर्वाद = आ + श् + ई +र् + व् + आ + द् + अ
प्रार्थना = प् + र् + आ + र् + थ् + अ + न् + आ
शुद्ध = श् + उ + द् + ध् + अ
संचार = स् + ञ् + च् + आ + र् + अ
निश्चित = न् + इ + श् + च् + इ + त् + अ
वर्ण-विच्छेद के नियम – Varn Viched ke Niyam
वर्ण-विच्छेद को पढ़ने के लिए हम निम्न बिन्दुओं को समझना आवश्यक है-
1. व्यंजनों की संरचना- इसके अंतर्गत हमें यह पता होना चाहिए कि हिंदी वर्णमाला में कितने व्यंजन है। साथ ही स्पर्श व्यंजन, अंतस्थ व्यंजन और संयुक्त व्यंजन की संख्याओं के बारे में भी पता होना चाहिए।
2. ’इ’ की मात्रा में त्रुटि- जब किसी भी शब्द पर ’इ’ की मात्रा लगाई जाती है तो विद्यार्थी सोचता है कि यहाँ ’इ’ पहले आता है परन्तु ऐसा नहीं होता है। उदाहरण के लिए- किताब। जब किताब का विच्छेद किया जाता है तब इसका विच्छेद क् + इ + त् + आ + ब् + अ होगा। इसका दूसरा उदाहरण हमें ’कील’ भी ले सकते है क्योंकि इसका इसमें ’ई’ की ध्वनि है और इसका विच्छेद क् + ई + ल् + अ होगा।
3. स्वरों की मात्राओं का ज्ञान – व्यंजन की तरह हमें स्वरों का ज्ञान होना भी बहुत जरूर है। वर्ण-विच्छेद पढ़ने से पहले उनकी संख्या के बारे में और उनके उपयोग के बारें में जरूर पढ़ना चाहिए।
4. अनुस्वार/ अनुनासिक के अंतर को समझना- इसे समझने के लिए हम दो उदाहरण ले सकते है-
जैसे-
हंस – अनुस्वार
हँस – अनुनासिक
जब हंस का वर्ण-विच्छेद किया जाता है तब इसका विच्छेद ह् + अं + स् + अ होगा और जब हँस का वर्ण-विच्छेद किया जाता है तो विच्छेद ह् + अँ + स् + अ होगा। इसलिए हमें अनुस्वार और अनुनासिक के अंतर को समझना बहुत जरूरी है।
वर्ण-विच्छेद के कुछ अन्य नियम
5. अनुस्वार के बिंदु एवं व्यंजन के रूप को समझना- इसे समझने के लिए हम दो उदाहरण ले सकते है-
दंड – द् + अं + ड् + अ
दण्ड – द् + अ + ण् + ड् + अ
ये दोनों शब्द उच्चारण करने पर एक समान है परन्तु इनके संधि विच्छेद अलग-अलग है।
6. ’ऑ’ के स्वरूप को समझना- ‘ऑ’ से बनने वाले जितने भी अंग्रेजी भाषा के शब्द है उनका वर्ण-विच्छेद करना भी हमें अच्छे से आना चाहिए। इसे समझने के लिए हम ’काॅलेज’ शब्द ले सकते है क्योंकि इसका विच्छेद क् + ऑ + ल + ए + ज् + अ है।
7. ’ऋ’ एवं ’रि’ के अतंर को समझना- इसे समझने के लिए हम ’रिक्त’ और ’ऋतु’ शब्द का इस्तेमाल कर सकते है। ’रिक्त’ शब्द का विच्छेद र् + इ + क् + त् + अ होता है और ’ऋतु’ शब्द का विच्छेद ऋ + त् + उ होता है। दोनों शब्दों की उच्चारण ध्वनि एक जैसी है परन्तु इनका विच्छेद अलग-अलग तरह से किया जाता है।
8. ’रु’ एवं ’रू’ के अंतर को समझना- इन दोनों शब्दों में बहुत बार समस्या आती है और अक्सर एग्जाम में प्रश्न गलत भी हो जाता है। इसे समझने के लिए हम ’रुपया’ और ’रूढ़’ दो शब्द ले सकते है। ’रूपया’ शब्द का विच्छेद र् + उ + प + अ + य् + आ होगा और ’रूढ़’ शब्द का विच्छेद र् + ऊ + ढ़् + अ होगा।
9. ’र’ के रूपों को समझना – ‘र’ के कई रूप होते है जहाँ ‘र’ कभी तो वर्ण के ऊपर लगाया जाता है तो कभी वर्ण के नीचे लगाया जाता है। इसे समझने के लिए हम दो उदाहरण ले सकते है-
द्रव्य- द् + र् + अ + व् + य् + अ
कार्य -क् + आ + र् + य् + अ
’द्रव्य’ शब्द के में ’र’ को द वर्ण के नीचे लगाया गया है और ’कार्य’ शब्द में ‘र’ वर्ण को य के ऊपर लगाया गया है। इसी तरह बहुत से ऐसे शब्द होते है जिनमें ‘र’ के रूप देखने को मिलते है।
10. ’द’ एवं ’ह’ के संयुक्त रूप को समझना– बहुत से शब्दों में ‘द’ या ‘ह’ शब्द का संयुक्त रूप देखा जाता है। यहाँ हम दो शब्द ’विद्यार्थी’ और ’हृदय’ के बारे में बात करेंगे। ’विद्यार्थी’ शब्द ’द्’ और ’य्’ का संयुक्त रूप देखने को मिलता है और इसका विच्छेद व् + इ + द् + य् + आ + र् + थ + ई होता है। ’हृदय’ शब्द का विच्छेद ह् + ऋ + द् + अ + य् + अ होता है।
वर्ण-विच्छेद के प्रमुख उदाहरण -Varn Viched ke Example
इसी प्रकार वर्ण-विच्छेद(Varn Viched) के और भी उदाहरण देखे जा सकते है। जैसे-
अंकित = अ + ङ् + क् + इ + त् + अ
कामना = क् + आ + म् + अ + न् + आ
दिव्यांग = द् + इ + व् + य + आ + ङ् + ग् + अ
विकास = व् + इ + क् + आ + स् + अ
अर्पण = अ + र् + प् + अ + ण् + अ
लक्ष्य = ल् + अ + क् + ष् + य् + अ
सर्वांगीण = स् + अ + र् + व् + आ + ङ् + ग् + ई + ण् + अ
कार्यक्रम = क् + आ + र् + य् + अ + क् + र् + अ + म् + अ
अमन = अ + म् + अ + न् + अ
त्रिभुज = त् + र् + इ + भ् + उ + ज् + अ
मर्त्य = म् + अ + र् + त् + य् + अ
विज्ञापन = व् + इ + ज् + ञ् + आ + प् + अ + न् + अ
आपूर्ति = आ + प् + ऊ + र् + त् + इ
संघर्ष = स् + अ + ङ् + घ् + अ + र् + ष् + अ
धर्मात्मा = ध् + अ + र् + म् + आ + त् + म् + आ
संशोधन = स् + अ + न् + श् + ओ + ध् + अ + न् + अ
उत्तर = उ + त् + त् + अ + र् + अ
प्राकृतिक = प् + र् + आ + क् + ऋ + त् + इ + क् + अ
युधिष्ठिर = य् + उ + ध् + इ + ष् + ठ् + इ + र् + अ
आर्द्र = आ + र् + द् + र् + अ
क्रमिक = क् + र् + अ + म् + इ + क् + अ
कंचन = क् + अ + ञ् + च् + अ + न् + अ
क्रम = क् + र् + अ + म् + अ
दुर्व्यवहार = द् + उ + र् + व् + य् + अ + व् + अ + ह् + आ + र् + अ
क्षमता = क् + ष् + अ + म् + अ + त् + आ
दंडित = द् + अ + ण् + ड् + इ + त् + अ
थरमस = थ् + अ + र् + अ + म् + अ + स् + अ
क्षत्रिय = क् + ष् + अ + त् + र् + इ + य् + अ
गद्यांश = ग् + अ + द् + य् + आं + श् + अ
विज्ञप्ति = व् + इ + ज् + ञ् + अ + प् + त् + इ
कृपालू =क् + ऋ + प् + आ + ल् + उ
पाँच = प् + आँ + च् + अ
गुरुद्वारा = ग् + उ + र् + उ + द् + व् + आ + र् + आ
क्रमशः= क् + र् + अ + म् + अ + श् + अः
शर्म = श् + अ + र् + म् + अ
संगम = स् + अ + ङ् + ग् + अ + म् + अ
चतुर्भुज = च् + अ + त् + उ + र् + भ् + उ + ज् + अ
संजय = स् + अ + ञ् + ज् + अ + य् + अ
संबंधित = स् + अ + म् + व् + अ + न् + ध् + इ + त् + अ
कंटक = क् + अ + ण् + ट् + अ + क् + अ
ट्रक = ट् + र + अ + क् + अ
वर्ण-विच्छेद के कुछ अन्य उदाहरण
संताप = स् + अ + न + त् + आ + प् + अ
चिह्नित = च् + इ + ह् + न् + इ + त् + अ
सपन्न = स् + अ + न + प् + अ + न् + न् + अ
स्वाद = स् + व् + आ + द् + अ
संयम = स + अं + य् + अ + म् + अ
जिह्वा = ज् + इ + ह् + व् + आ
संरक्षण = स् + अं + र् + अ + क् + ष् + अ + ण् + अ
चाँद = च् + आँ + द् + अ
संलग्न = स् + अं + ल् + अ + ग् + न् + अ
दुष्ट = द् + उ + ष् + ट् + अ
संवहन = स् + अं + व् + अ + ह् + अ + न् + अ
बंदर = ब् + अं + द् + अ + र् + अ
संशय = स् + अं + श् + अ + य् + अ
प्रसिद्ध = प् + र् + अ + स् + इ + द् + ध् + अ
संसर्ग = स् + अं + स् + अ + र् + ग् + अ
बाजार = ब् + आ + ज् + आ + र् + अ
संहार = स् + अं + ह् + आ + र् + अ
कार्य = क् + आ + र् + य् + अ
गिरि = ग् + इ + र् + इ
श्रवण = श् + र् + अ + व् + अ + ण् + अ
नीरा = न् + ई + र् + आ
वर्तुल = व् + र् + त् + उ + ल् + अ
बीमारी = ब् + ई + म् + आ + र् + ई
जरूर = ज् + अ + र् + ऊ + र् + अ
मधुर = म् + अ + ध् + उ + र् + अ
वृक्ष = व् + ऋ + क् + ष् + अ
अनुसार = अ + न् + उ + स् + आ + र् + अ
विकसित = व् + इ + क् + अ + स + इ + त् + अ
त्रिफला = त् + र् + इ + फ् + अ + ल् + आ
समक्ष = स् + अ + म् + अ + क् + ष् + अ
श्रीमान = श् + र् + ई + म् + आ + न् + अ
श्रमिक = श् + र् + अ + म् + इ + क् + अ
शृंगार = श् + ऋ + ङ् + ग् + आ + र् + अ
स्त्री = स् + त् + र् + ई
सृष्टि = स् + ऋ + ष् + ट् + इ
विज्ञान = व् + इ + ज् + ञ् + आ + न् + अ
हँसना = ह् + अँ + स् + अ + न् + आ
विद्वान = व् + इ + द् + व् + आ + न् + अ
यज्ञ = य् + अ + ज् + ञ् + अ
चक्रधर = च् + अ + क् + र् + अ + ध् + अ + र् + अ
विद्यालय = व् + इ + द् + य् + आ + ल् + अ + य् + अ
कृतघ्न = क् + ऋ + त् + अ + घ् + न् + अ
विरुद्ध = व् + इ + र् + उ + द् + ध + अ
आविष्कार = आ + व् + इ + ष् + क् + आ + र् + अ
स्पष्ट = स् + प् + अ + ष् + ट् + अ
परिवर्तन = प् + अ + र् + इ + व् + अ + र् + त् + अ + न् + अ
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निष्कर्ष :- इस आर्टिकल में हमनें वर्ण-विच्छेद क्या है किसे कहते है (Varn Viched in hindi) के बारे में विस्तार से पढ़ा ,हम आशा करतें है कि आपको वर्ण -विच्छेद अच्छे से समझ आ गया होगा। इसे शेयर करें और home page पर जाएं। धन्यवाद।
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