GI TAG
सबसे पहले आपको बता दें की आप क्या जानना चाहते हैं और उनके उत्तर क्या हैं “GI TAG FULL FORMS”, “GI TAG क्या है ?”, “GI TAG किन वस्तुओ को दिया जाता है ?”, GI TAG कितने वर्ष के लिए होता है ?”, “GI TAG से क्या फायदा होता है ?” आदि |
इन सभी प्रश्नो के उत्तर आपको इसी लेख में मिलेंगे लेकिन इसके लिए आपको शुरू से अंत तक पढ़ना होगा | इससे आपकी परीक्षा में 1-2 NO. पूछा जाता है क्योंकि यह करंट का महत्वपूर्ण टॉपिक होता है इसलिए आप हमारे साथ अंत तक बने रहें |
GI टैग क्या है ? What is GI Tag ?
GI TAG का अर्थ है Geographical Indication Tag अर्थात GI एक ऐसा संकेत (Indication) है जो किसी वस्तु या पदार्थ की खास विशेषता बताता है | GI TAG किसी वस्तु के उत्पादन के लिए उसके खास क्षेत्र के लिए दिया जाता है | GI TAG से उस वस्तु के उत्पादन के लिए उसके क्षेत्र के नाम के साथ जोड़ दिया जाता है जिससे उसकी एक विशिष्ट पहचान बन जाती है और उसको उसी क्षेत्र में पाये जाने के कारण उसे एक अलग पहचान मिलती है और उसी क्षेत्र को उसके उत्पादन का क्रेडिट दिया जाता है |
भारत में पहली बार GI टैग दार्जलिंग की चाय के लिए वर्ष 2003-4 के दिया गया था लेकिन वर्तमान में 300 से भी अधिक वस्तुओं को GI TAG दिया जा चूका है जिसमें से हम कुछ आगे बताएंगे |
उदाहरण के लिए मखाना एक खाद्य सामग्री है जो बिहार के अन्दर पायी जाती है इसे वर्ष 2019 में GI TAG दिया गया था अब यहां पर मखाना -बिहार में ही जिस जगह पर इसका उत्पादन होता है खास उसी जगह के लिए इसे ये TAG दिया गया है उम्मीद है की इतनी बातें समझ में आई होंगी अब आगे चलते हैं |
GI टैग किन वस्तुओं को दिया जाता है –
GI टैग का पंजीकरण सत्यापन होने के बाद उस खास प्रोडक्ट या वस्तु के उत्पादन के लिए Geographical Indications of Goods (Registration and Protection) Act, 1999 के द्वारा एक सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है जो की उसे एक विशेष पहचान दिलाता है | उस वस्तु की पहचान उस खास क्षेत्र से जुड़ी होती है जिस जगह पर उसका उत्पादन हुआ है | यह पंजीकरण 10 वर्षों के लिए मान्य किया जाता है हालांकि पुनः आवेदन करके इस वस्तु को वापस 10 वर्ष के लिए लिया जा सकता है परन्तु यह उस वस्तु के उत्पादन से जुड़े क्षेत्र के लिए ही होगा |
GI टैग मुख्यतः निम्न वस्तुओं को दिया जाता है –
- हस्तशिल्प (Handicraft)
- कृषि उत्पादों (Agricultural Products)
- खाद्य सामग्री (Foodstuffs)
- शराब एवं स्प्रीट (Wine & Spirit Drink)
- औद्योगिक उत्पादों (Industrial Products)
GI Tag से क्या फायदा होता है (Benefits of GI Tag)
GI Tag से निम्नलिखित फायदे होते हैं –
- GI टैग उसी वस्तु को दिया जाता है जो अपने विशेष क्षेत्र के लिए ही मशहूर हो |
- GI टैग मिलने से वस्तु का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापार किया जा सकता है |
- GI टैग से उस वस्तु की पहचान और उस क्षेत्र की पहचान बढ़ जाती है |
- नकली वस्तु को पहचाना जा सकता है क्योंकि इसपर टैग (logo) लगा होता है अर्थात इसे सर्टिफिकेट मिला होता है |जैसे बनारसी साड़ी लेनी होगी तो लोग बनारस से ही लेंगे या उसपर लगे टैग को देख कर ही |
- प्रोडक्ट बनाने वाली फैक्ट्री या मजदूर या उत्पादन सम्बंधित व्यक्ति को, किसान को सीधे रूप में फायदा मिलता है |
वर्तमान समय में भारत में अबतक 290+ वस्तुओं को GI TAG मिला है जिससे उनकी पहचान बनी है उनमें से हम कुछ आपके साथ साझा करेंगे जो आपकी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण हों सकते हैं तो हम वर्ष 2018 से 2020 तक की कुछ वस्तुओं का जिक्र करेंगे –
महाराष्ट्र –
अल्फोंसो आम एक प्रकार का फल है जिसे वर्ष 2018 में GI TAG में शामिल किया गया यह महाराष्ट्र राज्य से सम्बन्धित है |
सांगली हल्दी कृषि सम्बन्धित उत्पाद है जिसे वर्ष 2019 में GI TAG मिला |
बिहार –
मधुबनी पेंटिंग, मखाना, शाही लीची, जर्दालू आम, कटरनी चावल आदि |
उत्तर प्रदेश –
टेराकोटा (गोरखपुर), चुनार बलुआ पत्थर,
तमिलनाडु –
डिंडीगुल ताले, कन्दांगी साड़ी, इरोड हल्दी, श्रीविल्लपुथुर पल्कोवा, पलानी पंचामिर्थम प्रसाद, त्रिरुभुवनम सिल्क साड़ी आदि |
तेलंगाना –
तेलिया रुमाल, आदिलाबाद द्रोका
गुजरात
पेठापुर ब्लॉक प्रिंटिंग
कर्नाटक
सिरसी सुपारी, गुलबर्गा तूर दाल, कुर्ग अरेबीका कॉफी, चिकमगलूर अरेबीका कॉफी
छत्तीसगढ़
जीरा फुल चावल
कश्मीर
कश्मीरी केसर
मणिपुर
काला चावल या चाक हावो
दार्जलिंग
ग्रीन और वाइट टी
गोवा
खोला मिर्च
कर्नाटक व महाराष्ट्र
कोल्हापुरी चप्पल
हिमाचल प्रदेश
चूली का तेल
Note : यह लेख से पूरी तरह से स्वयं लिखने का प्रयास किया गया है लेकिन हम क्रेडिट/कॉपीराइट का पूरी तरह से सम्मान करते हैं |
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!! जय हिन्द !! तमसो माँ ज्योतिर्गमय