Pratyay Kise Kahate Hain : इस लेख में हम आपको ‘प्रत्यय’ के बारे में बता रहे हैं। यह लेख प्रतियोगी परीक्षाओं (UPTET, CTET, VDO, SSC आदि) ध्यान में रखकर लिखा गया है। अतः लेख को पूरा पढ़िए और प्रत्यय के बारे में अपनी समझ का विस्तार करें।
प्रत्यय की परिभाषा | Pratyay Kise Kahate Hain
प्रत्यय क्या है– वे शब्दांश जो किसी शब्द या धातु के अंत में जुड़कर उसके अर्थ को बदल देतें हैं अथवा प्रभावित कर देतें है उन्हें प्रत्यय कहते हैं। प्रत्यय शब्द, ‘प्रति’ उपसर्ग एवं ‘अय’ को यण संधि द्वारा जोड़ने से बना है, जहाँ प्रत्यय का शाब्दिक अर्थ पीछे लगना होता है।
प्रत्यय के उदाहरण ( Pratyay Ke Udaharan)
धातु / शब्द + प्रत्यय नया शब्द
चढ़ + आई = चढ़ाई
मिल + आवट = मिलावट
घबरा + आहट = घबराहट
कृ + तव्य = कर्तव्य
बच्चा + पन = बचपन
अपना + त्व = अपनत्व
दूर + ई = दूरी
गरीबी + ई = गरीबी
प्रत्यय दो शब्दों के मेल से बना है यह “प्रति” और “अय” है। प्रति शब्द का हिंदी अर्थ बाद में होता है और अय शब्द का अर्थ है लगने वाला।
प्रत्यय की परिभाषा (Pratyay Kise Kahate Hain) : ‘जब हिंदी व्याकरण का कोई भी शब्दांश किसी भी सार्थक शब्द के पीछे जुड़ता है और उसके अर्थ में पूर्ण रूप से परिवर्तन ला देता है तो ऐसे शब्दांश को प्रत्यय कहते हैं।’
प्रत्यय कभी भी अविकारी शब्दों के साथ नहीं जुड़ते, अर्थात प्रत्यय हमेशा विकारी शब्दों के साथ ही जुड़ते हैं। प्रत्यय के योग में संधि नहीं होती, परन्तु इसके योग से सामासिक पद बनाए जा सकते हैं। कुछ प्रत्यय अव्यय के स्वरूप होते हैं क्योंकि इनका रूप लिंग, वचन, काल तथा कारक के आधार पर नहीं बदलता है।
यह भी पढ़ें:– उपसर्ग एवं उसके भेद
प्रत्यय के प्रकार या भेद | Pratyay Ke Bhed
- कृत् प्रत्यय
- तद्धित प्रत्यय
- कृत् प्रत्यय
कृत् प्रत्यय – वे प्रत्यय जो क्रिया या धातु शब्दों के साथ प्रयुक्त होते हैं उन्हें कृत् प्रत्यय कहते हैं। कृत् प्रत्यय जुड़ने से बनने वाले शब्द कृदन्त कहते हैं।
उदाहरण –
धातु / शब्द + कृत् प्रत्यय नया शब्द
सज + आवट = सजावट
लिख + अक = लेखक
काट + आई = कटाई
मिल + आप = मिलाप
उतर + अन = उतरन
कृ + ता = कर्ता
स्था + अनीय = स्थानीय
वृ + अन = वरण
कृत् प्रत्यय के भेद (Pratyay Kise Kahate Hain)
- कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय
- कर्मवाचक कृत् प्रत्यय
- करणवाचक कृत् प्रत्यय
- भाववाचक कृत् प्रत्यय
- क्रियावाचक कृत् प्रत्यय
कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय – यदि किसी वाक्य में प्रयुक्त कर्ता कारक कृत प्रत्यय के योग से बना हो तो उसे कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं।
कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय के उदाहरण
लेखक ने अच्छा लिखा है। लेखक – ‘लिख’ धातु + ‘अक’ प्रत्यय – कर्ता कारक
दर्शक मैच का मज़ा ले रहे हैं। दर्शक – ‘दृश’ धातु + ‘अक’ प्रत्यय – कर्ता कारक
वक्ता बोले जा रहा था। वक्ता – ‘वच’ धातु + ‘ता’ प्रत्यय – कर्ता कारक
कर्मवाचक कृत् प्रत्यय – यदि किसी वाक्य में प्रयुक्त कर्म कारक कृत प्रत्यय के योग से बना हो तो उसे कर्मवाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं।
कर्मवाचक कृत् प्रत्यय के उदाहरण
बच्चे ने खिलोने को फ़ेंक दिया। खिलौना – ‘खेल’ धातु + ‘औना’ प्रत्यय – कर्म कारक
दर्शकों ने झूले को गिरा दिया। झूला – ‘झूल’ धातु + ‘आ’ प्रत्यय – कर्म कारक
बहन ने बेलन को फ़ेंक दिया। बेलन – ‘बेल’ धातु + ‘अन’ प्रत्यय – कर्म कारक
करणवाचक कृत् प्रत्यय – यदि किसी वाक्य में प्रयुक्त करण कारक कृत प्रत्यय के योग से बना हो तो उसे करणवाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं।
करणवाचक कृत् प्रत्यय के उदाहरण
बच्चा खिलौने से खेल रहा है। खिलौना – ‘खेल’ धातु + ‘औना’ प्रत्यय – करण कारक
दर्शक झूले से झूल रहे थे। झूला – ‘झूल’ धातु + ‘आ’ प्रत्यय – करण कारक
बहन बेलन से रोटियाँ बेल रही है। बेलन – ‘बेल’ धातु + ‘अन’ प्रत्यय – करण कारक
भाववाचक कृत् प्रत्यय – यदि किसी वाक्य में भाववाचक संज्ञा को प्रकट करने वाला शब्द कृत प्रत्यय के योग से बना हो तो उसे भाववाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं।
भाववाचक कृत् प्रत्यय के उदाहरण
धातु / शब्द + कृत् प्रत्यय नया शब्द
कृ + अन करण
मृ + अन मरण
हस् + अ हास
बच + अत बचत
चढ़ + आव चढ़ाव
क्रियावाचक कृत् प्रत्यय – वे प्रत्यय जो क्रिया का बोध करवाते हों उन्हें क्रियावाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं। यदि किसी धातु के साथ वाक्य में हुआ, हुई, हुए, ना जुड़ा हुआ हो वहा क्रियावाचक कृत् प्रत्यय माना जाता है।
क्रियावाचक कृत् प्रत्यय के उदाहरण
बालक रोता हुआ आया।
पूजा हँसती हुई चली गई।
घूमना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है।
तद्धित प्रत्यय
वे प्रत्यय जो संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण शब्दों के साथ जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं उन्हें तध्दित प्रत्यय कहते हैं। तध्दित प्रत्यय के जुड़ने से बनने वाले शब्द को तध्दितान्त कहते हैं।
तद्धित प्रत्यय के उदाहरण
शब्द + तद्धित प्रत्यय नया शब्द
बालक + पन बालकपन
मित्र + ता मित्रता
अपना + त्व अपनत्व
अहम् + कार अहंकार
सर्व + स्व सर्वस्व
अच्छा + आई अच्छाई
समीप + य सामीप्य
तध्दित प्रत्यय के उदाहरण
तद्धित प्रत्यय के भेद (Pratyay Kise Kahate Hain)
- कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय
- भाववाचक तद्धित प्रत्यय
- संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय
- अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय
- उनवाचक तद्धित प्रत्यय
- स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय
कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय – वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्द के साथ जुड़कर कर्ता वाचक शब्द का निर्माण करते हैं उन्हें कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। यदि किसी वाक्य में प्रयुक्त कर्ता कारक तद्धित प्रत्यय के योग से बना हो तो उसे कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय माना जाता है।
कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण
लखेरा चूड़ियाँ बनाता है। लखेरा = लाख शब्द + एरा प्रत्यय – कर्ता कारक
तेली तेल बेचता है। तेली = तेल शब्द + ई प्रत्यय – कर्ता कारक
भाववाचक तद्धित प्रत्यय – वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्द के साथ जुड़कर भाववाचक संज्ञा शब्द का निर्माण करते हैं उन्हें भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। आसान भाषा में कहें तो तद्धित प्रत्यय से बना हुआ कोई शब्द यदि भाववाचक संज्ञा का बोध कराता है तो वह भाववाचक तद्धित प्रत्यय होगा।
भाववाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण
शब्द + भाववाचक तद्धित प्रत्यय भाववाचक संज्ञा शब्द
युवा + अन यौवन
भला + आई भलाई
गरीब + ई गरीबी
गुरु + अ गौरव
कुशल + अ कौशल
महात्मा + य महात्म्य
मम + ता ममता
दूर + ई दूरी
संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय – वे तद्धित प्रत्यय जो किसी शब्द के साथ जुड़कर संबंध वाचक शब्द का निर्माण करते हैं उन्हें संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण
मूल शब्द + संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय अर्थ
भारत + ईय भारतीय – भारत से संबंधित
राष्ट्र + ईय राष्ट्रीय – राष्ट्र से संबंधित
समाज + इक सामाजिक – समाज से संबंधित
शरीर + इक शारीरिक – शरीर से संबंधित
मामा + एरा ममेरा – मामा से संबंधित
ननद + ओई ननदोई – ननद से संबंधित
अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय – अप्रत्य शब्द का शाब्दिक अर्थ ‘संतान’ होता है। अतः वे प्रत्यय जिनके संज्ञा शब्दों के साथ जुड़ने से संतान का बोध होता हो उन्हें अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण
मूल शब्द + अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय संतानबोधक शब्द
मनु + अ मानव
दनु + अ दानव
रघु + अ राघव
गंगा + एय गांगेय
अंजनी + एय आन्जनेय
अग्नि + एय आग्नेय
अदिति + य आदित्य
जनक + ई जानकी
अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय
उनवाचक तद्धित प्रत्यय – उनता का शाब्दिक अर्थ ‘कमजोर या हीन होना’ होता है। अतः वे तद्धित प्रत्यय जिनके संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के साथ जुड़ने से यदि कोई शब्द मूल शब्द की तुलना में लघुता का अर्थ प्रकट करें तो उन्हें उनवाचक प्रत्यय कहते हैं।
उनवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण
मूल शब्द + उनवाचक तद्धित प्रत्यय लघुता प्रदर्शित करता शब्द
पहाड़ + ई पहाड़ी
झंडा + ई झंडी
खाट + औला खटोला
डिब्बा + इया डिबिया
पत्र + इका पत्रिका
लता + इका लतिका
लालू + उआ ललुआ
दुख + ड़ा दुखड़ा
स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय – वे प्रत्यय जो किसी पुल्लिंग वाचक शब्द को स्त्रीलिंग वाचक शब्द में परिवर्तित कर देते हैं उन्हें स्त्री वाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण
पुल्लिंग वाचक शब्द + स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय स्त्रीलिंग वाचक शब्द
छात्र + आ छात्रा
माली + इन मालिन
देव + ई देवी
चाचा + ई चाची
मोर + नी मोरनी
शेर + नी शेरनी
देवर + आनी देवरानी
ठाकुर + आइन ठकुराइन
लाला + आइन ललाइन
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निष्कर्ष :- इस लेख में आपने प्रत्यय किसे कहते है (Pratyay Kise Kahate Hain) प्रत्यय के भेद और प्रत्यय की परिभाषा तथा प्रत्यय के उदाहरण के बारे में जाना। उम्मीद है यह लेख पसंद आया होगा ऐसी जानकारी के लिये यहां विजिट करते रहें। EBook download करें।
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