दोस्तों नमस्कार इस article मे हम Quantum physics in Hindi के बारे मे विस्तार से जानेंगे की quantum physics क्या होती है और हमे quantum physics की जरूरत क्यो पड़ी एवं quantum physics का जन्म कैसे और कब हुआ, Quantum Physics Introduction परिचय व इसका विकास कैसे हुआ इन सभी बिंदु को हम सरल व आसान भाषा मे समझने का प्रयास करेंगे और Quantum Physics की जरूरत क्यों पड़ी इसके बारे में भी जानकारी देंगे।
वैसे तो आप सभी जानते ही होंगे कि ब्रह्माण्ड में ऐसे ना जाने कितने अनगिनत सूक्ष्म कण मौजूद है लेकिन इनमें कई ऐसे ग्रह, तारे ऐसे है जिनके बारे में वैज्ञानिकों ने अभी तक कोई जानकारी नहीं जुटा पायी है। यदि आप भौतिकी में रूचि रखते है तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें, जिससे आसानी से समझ पाएंगे।
What is Quantum physics in hindi ( क्वांटम फिजिक्स क्या है ) –
क्वांटम भौतिकी, भौतिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमे सूक्ष्म कणों (Molecules) जैसे इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रॉन, प्रोटॉन आदि का अध्ययन किया जाता है। हम Quantum physics को quantum mechanics व quantum field theory भी कहते है।
Quantum physics की खोज किसने और कब की
Quantum physics in hindi : दोस्तों 19 वी सदी से पहले ऐसा माना जाता था की प्रत्येक कण न्यूटन की गति के अनुसार व्यवहार करता है तथा विकीरण मैक्सवेल के द्वारा दी गई विद्युत चुंबकीय तरंगों के समीकरण का पालन करती है परन्तु इसी समय मैक्स प्लांक ने क्वांटम फिजिक्स की नींव डाली । उन्होंने ब्लैक बॉडी रेडिएशन पर सर्च करके यह परिकल्पना प्रस्तुत की कि प्रकाश और अन्य विद्युत चुंबकीय विकिरण ऊर्जा (Magnetic Field ) का प्रवाह ना होकर बल्कि ऊर्जा छोटे-छोटे हिस्से में चलती है। क्वांटम फिजिक्स के बारे में जानकारी देने के लिए प्लांक को नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया। इस खोज ने फिजिक्स के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी और इसी परिकल्पना को समझ कर ही महान वैज्ञानिक आइंस्टाइन ने प्रकाश विद्युत प्रभाव को व्यक्त किया था। अब बात करते है Quantum किसे कहते है.
Quantum in hindi क्वांटम क्या है
वैज्ञानिक मैक्स प्लांक द्वारा बनाए गए उर्जा के छोटे छोटे खाने को क्वांटा कहते है जो कि प्रकाश की आवृत्ति ( frequency ) पर निर्भर करती है। इसके लिये मैक्स प्लांक ने फार्मूला दिया
E = HV
जहां H प्लांक constant है,V आवृत्ति ( frequency ) है.
प्लांक नियतांक (H) का मान 6.62 × 10⁻³⁴ जूल सेकेंड होता है।
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Quantum Physics का दैनिक जीवन में उपयोग
दोस्तों हमारी जिंदगी में जो कुछ भी होता है उसमें क्वांटम फिजिक्स का कहीं ना कहीं है। जैस मोबाइल फोन, इंटरनेट, डिजिटल कैमरा और एल.ई.डी ( LED ), सौर ऊर्जा आदि क्वांटम फिजिक्स की ही देन है। देखा जाए तो टेलीकम्यूनिकेशन को आसान बनाने में तथा GPS ” ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम ” को भी क्वांटम फिजिक्स के द्वारा तैयार गया है।
Dual Nature Theory के अनुसार ब्रह्मांड की हर चीज कण से मिलकर बनी है और यह तरंगों के रूप में रहती है। इसमें इलेक्ट्रॉन एक ही समय में पर कण (particle) भी है और तरंग (wave) भी है।
इलेक्ट्रॉन और फोटोन इस क्वांटम की दुनिया में किसी भी घटना के होने की संभावना 100% नहीं होती परन्तु कोई भी घटना कभी तो हो सकती है. कब कौन सा पार्टिकल किस जगह में होगा और किस स्थति में होगा यह नहीं कहा जा सकता क्योंकि पार्टिकल की स्थति परिवर्तनशील बनी रहती है।
Most Important Fact & MCQ
- हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता का सिद्धांत दिया।
- प्लांक के क्वांटम सिद्धांत से से विकिरण नियम की खोज संवभ हुई।
- जिसमे ब्लैक बॉडी रेडिएशन को सरलता से साझाया जा सका।
- लघु तरंगदैर्ध्य का विकिरण नियम एवं
- दीर्घ तरंगदैर्ध्य पर रैले जींस रेडिएशन व स्टीफन वोल्टेजमान के उत्सर्जन की कुल क्षमता के नियम की व्याख्या दी गयी।
- डी ब्रोग्ली के द्वारा द्रव्य कणो की द्वैत प्रकृति परिकल्पना दी गई इसकी व्याख्या डेविसन जर्मन ने अपने प्रयोग से सिद्ध किया।
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